;मुझे पृथ्वी के लोग एलियन कहते हैं, क्योंकि एलियन का मतलब है, जो हमारे जैसा न हो। मैं हूं भी और नहींभी। कुछ लोग मानते हैं कि मैं किसी दूसरे ग्रह का निवासी हूं, लेकिन कई लोग मेरे एग्जिस्टेंस को नकारते हैं। कई लोग मुझे उड़नतश्तरी से आता हुआ देख चुके हैं, तो कई का मानना है यह सब आंखों का धोखा है।
हालांकि ज्यादातर वैज्ञानिक मानते हैं कि यूनिवर्स में कहीं न कहींधरती से मिलता-जुलता ग्रह हो सकता है, जिसमें हम निवास करते हैं। हमारा जो चित्र लोग देखते हैं, वह लोगों की कल्पनाओं पर आधारित है। हमारी आकृति बनाने में फिल्मों का कम योगदान नहीं।
हाल ही में ब्रिटेन के जाने-माने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने यह कहकर लोगों को चौंका दिया कि हम लोग अंतरिक्ष में किसी आकाशगंगा के किसी ग्रह पर जरूर रहते हैं और पृथ्वी वालों को हम से सावधान रहना होगा, क्योंकि हम लोग शक्तिसंपन्न भी हो सकते हैं और पृथ्वी पर हमला कर सकते हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों को चेतावनी दी कि हमसे संपर्क करने की कोशिश न करें।
जबकि दुनिया के वैज्ञानिक हमसे संपर्क करने की कोशिश करते रहते हैं। कुछ समय पहले हमें सुनाने के लिए वैज्ञानिकों ने बीटल्स धुन अंतरिक्ष में छोड़ी थी। इसके पहले अंतरिक्ष में ऐसे खोजी यान भी भेजे गए, जिनमें मानव के नक्काशीदार चित्र और पृथ्वी की स्थिति बताने वाले नक्शे गए थे। रेडियो संकेतों से भी हमें ढूंढ़ने की कोशिश की गई है। कुछ समय पहले ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय के चार हजार पेज के दस्तावेज ने सनसनी फैला दी थी। यह पहला मौका था, जब किसी देश के रक्षा मंत्रालय के चीफ ने हमारे एग्जिस्टेंस को मानते हुए चेतावनी दी कि बार-बार दिखाई देने वाले एलियन को हल्के रूप में न लें।
कहा जाता है कि नासा हमारी एक्जिस्टेंस को छिपाता है। नासा के पूर्व अधिकारी डॉ. वैलेडमीर अजहजा ने कहा था कि नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने मिशन कंट्रोल को मैसेज रिले किए थे कि मून मॉड्यूल के नजदीक लैंड करने के बाद से रहस्यमय वस्तु उनका निरीक्षण कर रही है। नासा ने इसे सेंसर कर दिया था, लेकिन मून मिशन के दौरान कई एस्ट्रोनॉट्स के दावों के कारण 1973 में नासा को भी यह बयान देना पड़ा था कि मून मिशन के तहत अब तक 25 एस्ट्रोनॉट ने एलियन देखने की पुष्टि की है। मून मिशन के प्रोग्राम हेड वार्नर वोन ब्रॉन ने एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि एलियन का अस्तित्व है और वे हमारी सोच से कहीं ज्यादा ताकतवर हैं।
कहा जाता है कि स्कॉटलैंड के बोनीब्रिज और ब्रिटेन के रेंडएलसैम फॉरेस्ट में हम लोग आते-जाते रहते हैं। यहा के लोगों ने ही सबसे ज्यादा एलियन देखने की बात की है। वहीं सेंट्रल इंग्लैंड के लोगों ने भी 6 घटे में 30 बार यूएफओ को देखने का दावा किया था।
A blog for BIOLOGY students by : Susheel Dwivedi PGT Biology Kendriya Vidyalaya Secter J Aliganj Lucknow U P
Friday, May 7, 2010
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