A blog for BIOLOGY students by : Susheel Dwivedi PGT Biology Kendriya Vidyalaya Secter J Aliganj Lucknow U P
Sunday, April 11, 2010
अब बिना पकाए खाएं चावल
आसाम . दुनिया के सारे देश जब ऊर्जा की खपत कम करने के लिए नई-नई योजनाओं पर काम कर रहे हैं। इसी बीच उड़ीसा के वैज्ञानिकों ने चावल की एक ऐसी किस्म विकसित की है जिससे ऊर्जा बचाने में काफी सहयता मिलेगी।
चावल के इस किस्म की खासियत यह है कि इसे बिना उबाले ही खाया जा सकता है। अगोनिबोरा नाम के इस किस्म को कटक के केन्द्रीय चावल अनुसंधान केन्द्र ने विकसित किया है।
इसे खाने योग्य बनाने के लिए केवल आधे घंटे तक पानी में भिंगो कर रखना होता है और फिर यह खाने के लिए बिल्कुल फिट हो जाता है। आसाम के तिताबार चावल अनुसंधान केन्द्र ने एक अन्य किस्म कोमल सॉल विकसित की है जिसमें 4.5 प्रतिशत एमिलॉज है जो कि काफी कम है।
केन्द्र के वैज्ञानिकों के अनुसार वहीं चावल के अन्य किस्मों में 20 से 25 प्रतिशत तक एमिलॉज पाए जाते हैं जिसकी वजह से धान काफी सख्त हो जाता है। इसलिए अब जो किस्म विकसित की गई है उसे पानी में आधे घंटे तक भिंगोने के बाद सीधा खाया जा सकता है।
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