A blog for BIOLOGY students by : Susheel Dwivedi PGT Biology Kendriya Vidyalaya Secter J Aliganj Lucknow U P
Saturday, April 10, 2010
इसी जनम में पुनर्जन्म
गालिब का एक शेर है,
हुई मुद्दत कि गालिब मर गया पर याद आता है
वो हर इक बात पे कहना कि यूं होता तो क्या होता
तो जनाब अगर कुछ यूं होता कि आपको किसी ऐसी दुनिया में छोड़ दिया जाता जहां आप अपनी मर्जी से जिंदगी जी सकते तो क्या होता। ऐसी दुनिया जहां खाना जरूरत के बजाय मर्जी की चीज होता और हवा में उड़ना बच्चों का खेल। एक ऐसी दुनिया जहां आपको न आफिस की टेंशन होती और न बढ़ती उम्र की चिंता। कई कंपनियों ने तो इस दुनिया में अपना कारोबार भी शुरू कर दिया है। जानी-मानी कार कंपनी टोयोटा इसके भीतर अपनी वर्चुअल कारें बेच रही है तो समाचार एजेंसी रायटर्स ने इसमें हो रही हलचलों को कवर करने के लिए इसके भीतर ही एक रिपोर्टर का अवतार नियुक्त कर दिया है।
आप कहेंगे कि ये तो वही ‘यूं होता तो क्या होता’ वाली बात हो गई। खैर असल का तो कहना मुश्किल है पर इंटरनेट नाम के ब्रह्मांड में एक ऐसी अनोखी दुनिया का नक्शा तेजी से उभर रहा है। ये एक ऐसी मायावी दुनिया है जहां आप मनचाहा अवतार ले कर जी सकते हैं। सेकेंड लाइफ के नाम से मौजूद इस त्रिआयामी यानी थ्री डी दुनिया में आपकी शक्लोसूरत, कपड़ों का स्टाइल, रोजमर्रा की जिंदगी का रूटीन और ऐसी कई दूसरी चीजें सिर्फ आपकी पसंद के हिसाब से तय होती हैं। मनचाही जिंदगी का लुत्फ उठाने के लिए यहां हर चीज मौजूद है यानी बंगला, गाड़ी, शापिंग माल्स, डिस्को, कालेज और तमाम दूसरी चीजें। आपको चाहिए तो बस एक कंप्यूटर और ब्रांडबैंड इंटरनेट कनेक्शन। और हां, अगर आप सोच रहे हैं कि मन बहलाने के अलावा इस नकली दुनिया में ज्यादा कुछ करने के लिए नहीं है तो आपको बता दें कि न सिर्फ लाखों लोग इस मायावी दुनिया में निहायत ही संजीदा तरीके से जिंदगी जी रहे हैं बल्कि कई कंपनियों ने तो इस दुनिया में अपना कारोबार भी शुरू कर दिया है। जानी-मानी कार कंपनी टोयोटा इसके भीतर अपनी वर्चुअल कारें बेच रही है तो समाचार एजेंसी रायटर्स ने इसमें हो रही हलचलों को कवर करने के लिए इसके भीतर ही एक रिपोर्टर का अवतार नियुक्त कर दिया है।
जहां तक इस दुनिया में अवतार लेने का सवाल है तो इसके लिए आपको सेकेंड लाइफ की वेबसाइट पर जाकर अपना एक प्रोफाइल बनाना होता है। ठीक वैसे ही जैसे आप अपनी एक ईमेल आईडी बनाते हैं। फर्क इतना है कि यहां आपको ईमेल आईडी की जगह कार्टून से मिलता-जुलता अपना एक रूप मिलता है जिसका नाम और रंगरूप आप खुद तय कर सकते हैं। इसके बाद ये दुनिया आपके लिए खुली है। माउस और की बोर्ड की मदद से घूमिए, फिरिए, लोगों से मिलिए और दोस्त बनाइए। कुछ डालर खर्च कर सकें तो सेकेंड लाइफ की प्रीमियम मेंबरशिप भी ली जा सकती है जिसके बाद आप इस दुनिया के स्थाई नागरिक बन जाएंगे। फ्री या बेसिक मेंबर्स के लिए इस दुनिया में कोई पक्का ठिकाना नहीं होता लेकिन प्रीमियम मेंबरशिप लेते ही आप यहां के स्थाई नागरिक बन जाते हैं। मेंबरशिप के साथ आपको हर हफ्ते खर्च करने के लिए एक निश्चित रकम मिलेगी। इस रकम से एक प्लाट खरीदा जा सकता है जिस पर बंगला बनाएं या महल ये आपकी मर्जी। सेकेंड लाइफ की अपनी एक करेंसी है जिसे लिंडन डॉलर कहा जाता है और इसे आप एक्सचेंज रेट के हिसाब से यूएस डालर में भी बदल सकते हैं।
देखा जाए तो सेकेंड लाइफ की ये दुनिया कई मायनों में असल दुनिया जैसी भी है। थोड़ा बहुत घूमने और इस दुनिया को कुछ-कुछ समझने के बाद यहां आप अपनी जिंदगी का रूटीन तय कर सकते हैं। मसलन अगर आप अपने काम में होशियार प्रोफेशनल हैं तो यहां अलग-अलग काम कर रही कंपनियों में नौकरी तलाश सकते हैं जिसके लिए आपको बाकायदा तनख्वाह मिलेगी। और अगर इनवेस्टमेंट का शौक है तो जमीन का बड़ा सा टुकड़ा खरीदिए, उस पर प्लॉटिंग कीजिए और मुनाफा कमाइये।
फिलहाल करीब 80 लाख ऐसे लोग हैं जो सेकेंड लाइफ के जरिये दोहरी जिंदगी जैसा अनुभव ले रहे हैं। सेकेंड लाइफ पर उठ रही बहस और इसके कई पहलुओं पर पैदा हुए विवाद को अगर छोड़ भी दें तो भी एक जिंदगी में दूसरी जिंदगी जीने का ये आइडिया है तो मजेदार।
By
Susheel Dwivedi
Kendriya Vidyalaya Dholchera
Cachar
Assam
Phone-09435946180
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Hi I am Susheel Dwivedi.....Wishing you a happy new year 2010
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