एग फ्रीजिंग यानी अंडाणुओं को संरक्षित करने की नई चिकित्सा तकनीक से उम्मीद की एक नई किरण जागी है। अब महिलाएं 40 साल की उम्र के बाद भी अपने ही अंडाणु से गर्भधारण कर सकती हैं। गौरतलब है कि अध्ययनों से यह बात सामने आयी है कि 40 साल उम्र के बाद महिलाओं के अपने ही अंडाणुओं से गर्भधारण करने की संभावना कम रहती है।
राजधानी में फोर्टिस ला फेम तथा मुंबई के लीलावती अस्पताल के महिला रोग तथा बांझपन विशेषज्ञ ऋषिकेश पई ने इस संबंध में कहाकि विज्ञान की तरक्की के साथ-साथ, हमारे पास अब अनेक विकल्प आ गए हैं जिनकी मदद से हम अपनी समस्याओं से निजात पा सकते हैं। डॉ. पई बताया कि ‘एग फ्रीजिंग’ यानी अंडाणुओं को संरक्षित करने की तकनीक एक लाभकारी चिकित्सीय तकनीक है जिसकी मदद से महिला उम्र के ऐसे दौर में भी संतानोत्पत्ति कर सकती है जब वह इसके लिए पूरी तरह से सक्षम नहीं होती। इस प्रक्रिया के दौरान महिला के शरीर से अंडाणुओं को निकाल कर जमा कर दिया जाता है यानी उस समय तक सुरक्षित कर दिया जाता है जब वह अंतत: संतान उत्पन्न करना चाहती है। उन्होंने कहा, इसका सबसे अधिक लाभ उन महिलाओं को हो सकता है जो संतान उत्पन्न करने में पूरी तरह सक्षम नहीं है। अध्ययनों से यह बात सामने आयी है कि 40 साल की आयु के बाद संतानोत्पत्ति की संभावनाएं केवल दस प्रतिशत रह जाती है। अंडाणुओं को जमा करने की तकनीक से कई दंपत्ति लाभ उठा चुके हैं। इस तकनीक से गर्भधारण करने में 20-30 प्रतिशत सफलता हासिल हो सकती है। अगर कोई महिला अपने अंडाणु सुरक्षित रखना चाहती है तो उसके लिए सबसे सही आयु 27 से 34 के बीच है। उस समय संतानोपत्ति की क्षमता सर्वाधिक होती है।
A blog for BIOLOGY students by : Susheel Dwivedi PGT Biology Kendriya Vidyalaya Secter J Aliganj Lucknow U P
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