Friday, April 16, 2010

बस एक वॉयस टैस्ट कर लेगा पार्किन्संस की पहचान


लंदन । अब सिर्फ एक वॉयस टैस्ट से ही पार्किन्संस जैसी बीमारी का पता लगा लिया जाएगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस नई खोज से कई साल पहले ही वे लोगों के इस बीमारी से पीड़ित होने का पता लगा सकेंगे।

मालूम हो कि पार्किन्संस के लक्षण दिखाई देने पर ही इसकी पहचान की जा सकती है, जिसका अर्थ है कि यह एडवांस स्टेज में है और तब तक मरीज के दिमाग के कई अहम सैल्स खत्म हो चुके होते हैं। अब इसराइली शोधकर्ताओं की एक टीम ने इस न्यूरोलोजिकल डिसऑर्डर की पहचान करने के लिए एक वॉयस टैस्ट तैयार करने में सफलता हासिल की है।

हाएफा यूनिवर्सिटी की टीम ने अपने शोध में बोलने के ढंग में आने वाले छोटे-छोटे परिवर्तनों को मापा। इनसे शोधकर्ता पता लगा सकते हैं कि क्या हैल्दी दिखने वाला व्यक्ति पार्किन्संस से पीड़ित है या नहीं। बोलने के ढंग में आने वाले परिवर्तन की कान से पहचान नहीं की जा सकती है। शोधकर्ताओं ने पार्किन्संस से पीड़ित व्यक्ति की पहचान करने के लिए एक कंप्यूटर प्रोग्राम विकसित किया है। उनका दावा है कि इसे उन लोगों की स्क्रीनिंग के इस्तेमाल में लाया जा सकता है जिन्हें इस बीमारी की चपेट में आने का गंभीर खतरा है।