लंदन. जीवाश्म विज्ञानियों ने पक्षियों और डायनोसॉर के बीच रासायनिक रिश्ते को ढूंढ़ने का दावा किया है। यह उपलब्धि पक्षीनुमा डायनोसॉर ‘डायनोबर्ड’ के 15 करोड़ साल पुराने जीवाष्म के एक्स-रे विश्लेषण से मुमकिन हुई है।
यह जीवाष्म आधा डायनोसॉर और आधा पक्षी का है। इसे आर्कियोप्टेरिक्स नाम दिया गया है। खोजकर्ताओं का मानना है कि जीवाष्म विज्ञान में आर्कियोप्टेरिक्स का वही महत्व है, जो पुरातत्व विज्ञान में मिस्र के फराहो तूतनखामेन का है।
एक्स-रे व सीटी स्कैन में आर्कियोप्टेरिक्स के जीवाष्म के भीतर कुछ खास तरह के रसायन मिले हैं। इनसे आर्कियोप्टेरिक्स के शरीर में मौजूद एक दर्जन रसायन का तो पता चलता ही है, साथ में पक्षियों के शरीर में बाद के विकास क्रम का रोड मैप तैयार करने में भी मदद मिल सकती है।
यहां मिलीं कड़ियां
- आर्कियोप्टेरिक्स के पंखों में फॉस्फोरस और सल्फर मिला जो तकरीबन हर पक्षी में पाया जाता है।
- आर्कियोप्टेरिक्स की हड्डियों में तांबा और जस्ता पाया गया। यह भी मौजूदा पक्षियों में आम हैं।
A blog for BIOLOGY students by : Susheel Dwivedi PGT Biology Kendriya Vidyalaya Secter J Aliganj Lucknow U P
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