Saturday, April 10, 2010

टीबी बैक्टीरिया को मारेगा उसी का रसायन

टीबी के इलाज में इसे महत्वपूर्ण खोज माना जा रहा है
वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने टीबी के इलाज का नया तरीका खोज निकाला है.
विज्ञान की शोध पत्र नेचर केमिकल बायलॉजी में प्रकाशित शोध के अनुसार ब्रिटेन और अमरीका के वैज्ञानिकों ने टीबी बैक्टीरिया के एक ऐसे रसायन का पता लगाया है जो टीबी बैक्टीरिया को स्वंय समाप्त कर देगा.
लेकिन बीबीसी संवाददाता का कहना है कि ये देखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय दवा कंपनियाँ इस ओर कितना ध्यान देती हैं क्योंकि शोध की ये प्रक्रिया काफ़ी लंबी है.
ग़ौरतलब है कि टीबी के कारण विश्व में हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है.
शोधकर्ता इस बीमारी के ऐसे बैक्टीरिया के सामने आने से चिंतित हैं जिन पर दवाओं का असर नहीं होता.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबिक एमडीआर टीबी यानी मल्टी ड्रग रिज़िसटेंट टीबी के लाखों मामले हर साल सामने आते हैं.
इनमें से ज़्यादातर मामले भारत, चीन और पूर्व सोवियत संघ से होते हैं.
मल्टी ड्रग रिज़िसटेंट टीबी बीमारी का वो रूप है जिसमें कम से कम दो मुख्य तरह की टीबी पर दवाओं का असर नहीं होता है.
इस तरह की टीबी के लिए अलग किस्म की दवाओं का इस्तेमाल करना पड़ता है.
ये दवाएँ ज़्यादा नुक़सानदेह और मंहगी होती हैं और साथ ही ठीक होने में समय भी ज़्यादा लगता है.
उल्लेखनीय है कि टीबी की रोकथाम करने वाली मौजूदा दवा सौ फीसदी प्रभावी नहीं है और इसका इस्तेमाल भी लगातार कम से कम छह महीने करना पड़ता है.
इसका मतलब यह है कि बहुत से लोग अगर इस कोर्स को पूरा नहीं करते तो इस रोग का आक्रमण फिर से होने का ख़तरा बना रहता है.

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