Saturday, April 10, 2010

बुंदेलखंड के बुरे दिन जारी





बुंदेलखंड के बुरे दिन जारी हैं। इलाके के जालौन और महोबा जिलों के ग

ांव के दौरों में यह साफ नजर आया। यों तो फसल की कटाई उत्साह और उमंग का समय होता है। लेकिन हम जहां भी गए वहां रबी की फसल की कटाई तो जारी थी, पर उमंग नजर नहीं आई। कई किसानों ने बताया कि रबी की फसल उम्मीद से काफी कम रही।

महोबा जिले के दमोरा गांव के किसानों के मुताबिक, दिसंबर तक रबी की फसल की स्थिति बहुत अच्छी थी। किसानों को लग रहा था कि लंबे समय बाद अच्छी फसल होगी, पर जनवरी-फरवरी में पहले तो औसत से कहीं अधिक सर्दी की शीत लहर चली और फिर असमय आंधी-बारिश का प्रकोप रहा। इसके बाद फसल कमजोर पड़ने लगी। एक किसान ने अपने खेत में गेहूं व चने की फसल दिखाते हुए कहा कि दूर से फसल अच्छी लग सकती है, पर गेहूं की इस बाली को मसलकर देखिए। दाने कितने कमजोर हैं। उसने गेहूं-चने दोनों के दाने निकाल कर दिखाए। साफ था कि दूर से अच्छी दिखने वाली फसल असल में कमजोर थी। दमोरा के किसानों ने कहा कि खरीफ की फसल तो वैसे ही चौपट हो गई थी, अब रबी से जो उम्मीद थी वह भी पूरी नहीं हुई।

जालौन में कार्यरत परमार्थ संस्था के समन्वयक संजय सिंह कहते हैं कि हमारे कार्यक्षेत्र में अधिकांश किसानों की खेती उम्मीद से बहुत कम रही। ऐसे में मनरेगा पर निर्भरता बढ़ेगी। हम मनरेगा मजदूरों का संगठन बनाकर इस योजना से उन्हें ज्यादा लाभ हासिल करने की उनकी क्षमता बढ़ा रहे हैं। इस संगठन के सदस्य तेजी से बढ़ रहे हैं। जालौन में फसल की कटाई के लिए कंबाइन हारवेस्टर का उपयोग तेजी से बढ़ा है। इससे खेतिहर मजदूरों का रोजगार बहुत कम हुआ है और पशुओं के लिए भूसे की उपलब्धता भी कम हो रही है।

गर्मी का प्रकोप मार्च में ही इतना बढ़ गया था कि लोग मई-जून की असहनीय गर्मी व जल संकट से बहुत चिंतित हो गए हैं। इस स्थिति में प्रशासन पर मनरेगा में सुधार व जल संकट से निबटने की पर्याप्त तैयारी पहले से करने का दबाव बढ़ रहा है।
Susheel Dwivedi
PGT Biology
Kendriya Vidyalaya Dholchera Assam
Permanent Address-
Village - Pawai
Post -Jariya
Distt- Hamirpur
U P
(Bundelkhand)

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