Saturday, April 10, 2010

खिलाड़ियों को फंसाने वाली बीमारी

खिलाड़ियों को फंसाने वाली बीमारी




: क्लाउडिया पेषश्टाइन डोपिंग किसी भी खिलाड़ी के करियर को तबाह कर सकता है. लेकिन जर्मनी की क्लाउडिया पेषश्टाइन कोई प्रतिबंधित दवा लिए बिना ही डोपिंग में पकड़ी गई और उन पर प्रतिबंध भी लगा. दरअसल उन्हें खून की एक वंशानुगत बीमारी है.



आइस स्कैटिंग करने वाली जर्मन एथलीट क्लाउडिया पेषश्टाइन के करियर में तब अचानक से ब्रेक लग गया जब उन्हें अप्रत्यक्ष डोपिंग के आरोप में खेलने से रोक दिया गया. अप्रत्यक्ष डोपिंग का मतलब है कि खिलाड़ी किसी बीमारी के लिए दवा ले रहा है लेकिन उसका असर ऐसा होता है, जैसे उसने प्रतिबंधित दवाएं ले ली हों. क्लाउडिया बार बार कहती रहीं कि उन्होंने डोपिंग नहीं किया है लेकिन उनके ख़ून में बराबर एक केमिकल की मात्रा ज़्यादा आ रही थी.



37 साल की क्लाउडिया को इन सब आरोपों से थोड़ी राहत तब मिली जब डॉक्टर ने कहा कि उसे एक वंशानुगत बीमारी है जिसकी वजह से उसके ख़ून में गड़बड़ी है. डॉक्टर गेरहार्ड एहनिंगर बताते हैं कि क्लाउडिया के ख़ून में लगातार रेटिक्युलोज़ाइटन की मात्रा ज़्यादा आ रही थी. यूरोप में ख़ून की जांच करने वाली लैबोरेटरी के प्रमुख डॉक्टर आन्द्रियास वाइमान कहते हैं, "जैसा कि हमने पाया कि क्लाउडिया के ख़ून में अनियमितताओं का कारण पिता से आई बीमारी है. उससे भी आश्चर्य की बात ये है कि उसके किसी भी भाई बहन को यह बीमारी नहीं है."

: शानदार करियर पर ग्रहण

बर्लिन की रहने वाली इस आइस स्केटर की बीमारी ख़ून में एक तरह की अनियमितता है जिसे डॉक्टर स्फेरोसायटोसिस कहते हैं. जर्मनी में आठ लाख लोगों में यह गड़बड़ी वाला जीन होता है. हालांकि इससे जीवन को कोई ख़तरा नहीं होता. खिलाड़ियों की क्षमता में भी कोई समस्या नहीं होती, बस डोपिंग की टेस्ट में पता नहीं होने पर गड़बड़ी हो जाती है. वैसे भी डायरेक्ट डोपिंग के मामले में अभी तक क्लाउडिया पेषश्टाइन को नहीं पकड़ा गया है लेकिन फिर भी नियमों के हिसाब से उस पर प्रतिबंध तो लग ही गया है.



वहीं ल्यूबिक की यूनिवर्सिटी में फिजियोलॉजी संस्थान के प्रमुख वोल्फ़गांग येल्केमान ने उम्मीद नहीं छोड़ी है. वह कहते हैं, "मुझे विश्वास है कि अगर इस केस को फिर से देखा जाए तो बहुत संभव है कि नए लेबोरेट्री नमूनों से अभी का फ़ैसला बदला जा सकेगा. अप्रत्यक्ष डोपिंग के मामले में भी इन नमूनों का फ़ायदा होगा."



लेकिन जब तक ये सब कुछ होगा क्या क्लाउडिया पेषश्टाइन का करियर बच पाएगा!

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