Wednesday, May 19, 2010

घुटने के दर्द से परेशान मरीजों के लिए नयी थेरेपी





 घुटने के दर्द से परेशान मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है। उनके लिए दर्दनाशक दवाओं पर निर्भरता या घुटने का ऑपरेशन अब जल्द ही अतीत का हिस्सा बन सकता है क्योंकि एक नयी थेरेपी से कई मरीजों को राहत मिल रही है।

इस थेरेपी का नाम ‘‘विस्कोसप्लीमेन्टेशन’’ है और इसमें अधिक समय नहीं लगता। एक इंजेक्शन लगाने के बाद घुटने के दर्द से कम से कम छह माह तक राहत मिल सकती है। यह थेरेपी उन लोगों के लिए कारगर साबित हो रही है जो ‘‘ऑस्टियोअर्थराइटिस’’ से परेशान हैं और जिन पर परंपरागत दवाओं या व्यायाम का असर नहीं होता। जो मरीज घुटने का ऑपरेशन नहीं कराना चाहते, उनके लिए भी यह थेरेपी लाभदायक है।

फोर्टिस हॉस्पिटल के आर्थोपेडिक सर्जन डा गुरिंदर बेदी का कहना है ‘‘मरीज को केवल एक बार ही अस्पताल आना होगा और उसे एक इंजेक्शन लगाया जाएगा जिसके बाद कम से कम छह माह तक उसे राहत मिल जाएगी।’’ घुटने की तकलीफ का एक मुख्य कारण ‘‘नी ऑस्टियोअर्थराइटिस’’ वास्तव में ‘‘ऑस्टियोअर्थराइटिस’’ का बहुत ही सामान्य प्रकार है। भारत में 1.5 करोड़ से अधिक व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित हैं जिनमें महिला मरीजों की संख्या अधिक है।

अर्थराइटिस के कारण घुटने में होने वाला दर्द उम्र के साथ साथ बढ़ता जाता है। यह तकलीफ इतनी अधिक हो जाती है कि दर्द से राहत खास तौर पर महत्वपूर्ण हो जाती है। इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में आर्थोपेडिक एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ राजू वैश्य बताते हैं ‘‘विस्कोसप्लीमेंटेशन’’ के तहत नीकैप के अंदर घुटने में सीधे इंजेक्शन लगाया जाता है। इस प्रक्रिया में घुटने से द्रव पदार्थ बाहर निकाला जाता है और इसकी जगह उससे मिलता जुलता एक पदार्थ डाला जाता है। यह तरल पदार्थ ही दर्द से राहत देता है और मरीज के लिए चलना फिरना आसान हो जाता है।’’

विशेषज्ञों को लगता है कि नयी थेरेपी से मरीज की, दर्दनाशक दवाओं तथा स्टीरॉयड पर निर्भरता खत्म होगी जिसकी वजह से इन दवाओं के दुष्प्रभावों से भी वह बच सकेगा। इन दवाओं को न लेने पर उसे अल्सर या पेट की अन्य समस्याएं होने का खतरा भी नहीं होगा।

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