दुनियाभर के दिल के दौरे के पीड़ितों के लिए एक अच्छी खबर है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि स्टेम कोशिकाएं दिल के दौरे के पीड़ित रोगी की क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाओं की मरम्मत कर सकती हैं। पत्रिका ‘सर्कुलेशन’ के अनुसार, ब्रिस्टल विश्वविघालय के एक दल ने स्टेम सेल हासिल करने और नई धमनियां बनाने के लिए उन्हें प्रेरित करने का एक तरीका खोज निकाला है। दिल का दौरा तब पड़ता है कि जब दिल की मांसपेशियों तक खून ले जा रही धमनी का रास्ता बंद हो जाता है या उसमें टूट फूट हो जाती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, भविष्य में ऐसा भी दिन आ जाएगा जब स्टेम सेल के इंजेक्शन देकर धमनियों की मरम्मत करना संभव होगा। वैज्ञानिकों ने अपने शोध में बाइपास आपरेशन के दौरान निकाल दी गई रक्त वाहिकाओं से स्टेम सेल निकाले। बाइपास के दौरान, रोगी के पांव से रक्त वाहिकाओं को काटकर रोगग्रस्त हृदय की धमनी में लगा दिया जाता है। इसके बाद रूके हुए खून को दूसरे रास्ते से निकाल कर आगे बढ़ा दिया जाता है।
शोध का नेतृत्व करने वाले प्रो. पाआ॓लो मादेदु ने कहा, ‘महत्वपूर्ण बिन्दु यह है कि सर्जन शिरा का सबसे लंबा हिस्सा काट लेते हैं इसलिए काफी हिस्सा बचा रह जाता है।’ वैज्ञानिक अपने प्रयोगों के तहत यह देखना चाहते थे कि क्या आपरेशन के बाद बचे हुए हिस्से से वयस्क स्टेम सेल को हासिल किया जा सकता है। उन्हें यह जानकर हैरानी हुई कि वे काफी बड़ी संख्या में ऐसी कोशिकाओं को हासिल कर सकते हैं। प्रो. मादेदु ने कहा, ‘हमें कुछ हजार स्टेम सेल मिल गये। यह इलाज के लिए काफी नहीं हैं। लेकिन इन्होंने हमें एक ऐसा स्रोत मुहैया करा दिया जहां से हम कोशिकाओं को प्राप्त कर उनकी बढ़वार कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमने स्टेम सेलों की विशेष प्लेटों में विस्तार किया और हम इनकी संख्या बढ़ाकर पांच से छह करोड़ तक ले आये। इलाज के लिए इतनी स्टेम कोशिकाएं काफी थी।’
A blog for BIOLOGY students by : Susheel Dwivedi PGT Biology Kendriya Vidyalaya Secter J Aliganj Lucknow U P
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