Wednesday, May 19, 2010

अब बुढ़ापे में भी जवानों जैसी ताकत देगा-सुपर सूट’


 उम्र बढ़ने के साथ-साथ शारीरिक सामर्थ्य कमजोर होने लगती है, यह प्रकृति का नियम है। लेकिन अब उम्रदराज लोगों को इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि अब वे बुढ़ापे में भी युवाओं जैसे दमखम से काम कर सकते हैं। इसे संभव बनाया है जापानी वैज्ञानिकों ने। टोक्यो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नया ‘सुपर सूट’ बनाया है जिसे पहनने वाला कमजोर से कमजोर व बूढ़ा व्यक्ति भी पैरों और भुजाओं में अद्भुत ताकत महसूस करेगा। इसे पहनने के बाद कमर, पीठ और ऐंठन से होने वाला दर्द भी छूमंतर हो जाएगा। धातु और प्लास्टिक से निर्मित इस ‘एक्सोस्केलेटन’ सूट में आठ इलेक्ट्रिक मोटरों के अलावा कई सेंसर्स लगे हैं जो शारीरिक हलचलों का पता लगाकर आवाज-पहचानने वाली एक प्रणाली के जरिए आदेश प्रेषित करते हैं। प्रोफेसर शिगेकी और उनकी टीम को इस सूट को विकसित करने में 15 साल का वक्त लगा है। इस साल के अंत तक इस सूट का उत्पादन शुरू करने के लिए इस टीम की योजना कंपनी स्थापित करने की है। इस रोबो सूट को पहनने के बाद इसके प्रयोगकर्ता के शारीरिक प्रयास 62 प्रतिशत तक कम हो जाते हैं। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि पहनने के बाद कोई भी वृद्ध जमीन से भारी से भारी चीज उठा सकता है और जमीन से सब्जी उखाड़ सकता है। इस रोबो सूट के आविष्कारकों के अनुसार जब घुटनों को झुकाया जाता है, तब मांसपेशियों की गतिविधि आधा हो जाती है.. लेकिन यह सूट झुकाव का ज्यादातर दबाव स्वयं उठा लेता है। इस रोबो सूट का सबसे ज्यादा फायदा जापान के किसानों को मिलेगा क्योंकि जापान में निम्न जन्मदर और बढ़ती औसत आयु की वजह से उम्रदराज लोगों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इससे मिलते-जुलते रोबो सूट जापान के अस्पतालों और रिटायरमेंट होम्स में इस्तेमाल किए जा रहे हैं जिसमें ये मरीजों को उठाने-बिठाने आदि में उनकी देखभाल करने वालों की मदद करते हैं। शुरूआत में इस सूट की कीमत 7 हजार पौंड रखी गई है लेकिन जब इनका उत्पादन बड़े स्तर पर होने लगेगा, तब निर्माताओं को उम्मीद है इसकी कीमत आधे से भी कम हो जाएगी। फिलहाल इस तरह के सूट देश से बाहर बेचने की योजना नहीं है लेकिन भविष्य में यह सब देशों में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।

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