Wednesday, May 19, 2010

सीडीआरआई ने बनाई स्मरण शकि्त की दवा

 केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) ने तीस साल के शोध के बाद पूरी तरह जड़ी बूटियों से निर्मित स्मरण क्षमता बनाए रखने वाली दवा विकसित की है जिसका उपयोग बच्चे से बूढे़ तक कर सकते हैं। बिक्री के लिए इस दवा को ‘जार मेमोरी श्योर’ के नाम से बाजार में उतारा गया।

सीडीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेन्द्र प्रसाद ने   कहा कि ब्राह्मी नामक पौधे से इस दवा को तैयार किया गया है। इसे तैयार करने में तीस साल का लंबा समय लगा है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में ब्राह्मी को पिछले तीन हजार साल से स्मरण शक्ति बढ़ाने में इस्तेमाल किया जाता रहा है। उन्होंने इस दवा के फायदे के बारे में कहा कि चूंकि यह पूरी तरह जड़ी बूटियों से निर्मित है इसलिए इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता।

यह दवा उन बच्चों के लिए कारगर है जिनमें अधिक चंचलता के कारण यौन और मनोयोग का विकार है या ऐसे प्रौढ़ जो अधिक उम्र के कारण स्मरण शक्ति के क्षरण के शिकार हैं। श्री प्रसाद ने कहा कि उम्र के साथ मस्तिष्क के एक विशेष भाग में कोशिकाओं की क्षति होने लगती है।

यह भाग ज्ञान बोध और स्मरण शक्ति के लिए विशेष रूप से काम करता है। वैज्ञानिकों ने शोध से यह साबित किया है कि मस्तिष्क में कुछ विषाक्त तत्व बनते हैं जिससे कोशिकाएं कमजोर होते-होते खत्म हो जाती हैं और आदमी के याद रखने की ताकत धीरे-धीरे बिल्कुल समाप्त हो जाती है।

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